शहीद शक्तिनाथ महतो का जीवन परिचय Biography of Shaktinath Mahto

दोस्तों आज मे आप सभी को झारखण्ड के महान क्रन्तिकारी शहीद शक्तिनाथ महतो के जीवनी के बारे माँ बताने वाला हु ! अगर आप सभी को शक्तिनाथ महतो के बारे मे जानना है तो इस लेख को कृपया अंत तक पढ़े  |

इस लेख में आप जानने वाले है - 

  • जन्म 
  • शिक्षा
  • बिनोद बिहारी महतो से मुलाकात 
  • आन्दोलन 
  • मृत्यु

शहीद शक्तिनाथ महतो 

जन्म 

दो अगस्त 1948 को तेतुलमुड़ी बस्ती में किसान गणेश महतोगृहिणी सधुवा देवी के घर एक बालक का जन्म हुआ। माता-पिता ने बालक का नाम शक्तिनाथ महतो रखा। अपने नाम के अनुरूप ही शक्ति ने सामाजिक कुरीतियों को दूर करने तथा सूदखोरों के आतंक से गरीब, असहाय को मुक्त कराते हुए प्राणों की आहुति दे दी।


शिक्षा 

 गांधी स्मारक उच्च विद्यालय सिजुआ से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद शक्ति ने आइटीआइ धनबाद में दाखिला लिया। कुमारधुबी में फीटर ट्रेड का प्रशिक्षण प्राप्त कर मुनीडीह प्रोजेक्ट में योगदान दिया। उनदिनों कोलियरी क्षेत्रों में सूदखोरी का धंधा चरम पर था।


बिनोद बिहारी महतो से मुलाक़ात 

भोलेभाले मजदूरों की गाढ़ी कमाई को सूदखोरों के जेब में जाता देख शक्ति का मन विचलित हो उठा। उन्होंने मजदूरों को सूदखोरों के चंगुल से आजाद कराने तथा न्यूनतम मजदूरी दिलाने के लिए आंदोलन का बिगुल फूंक दिया। इस दौरान वह विनोद बिहारी महतो के संपर्क में आए और 21 जनवरी 1971 को शिवाजी समाज की जोगता थाना कमेटी का गठन किया गया। कमेटी में शक्ति को मंत्री बनाया गया।

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आन्दोलन 

उन्होंने बाल विवाह, दहेज प्रथा, नशा उन्मूलन के खिलाफ मुहिम छेड़ दी। समाज के लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से रात्रि पाठशाला का शुभारंभ किया। इस अभियान का असर भेलाटांड, कपुरिया, परसिया, पुटकी, धोबनी, चीरूडीह, कारीटांड, बलिहारी से राजगंज-तोपचांची तक पड़ा। आपातकाल के दौरान शक्ति 22 माह तक धनबाद, भागलपुर तथा मुजफ्फरपुर के जेलों में बंद रहे। शोषण, अन्याय व अत्याचार के खिलाफ चलाए जा रहे आंदोलन को कुचलने के लिए माफिया तत्वों ने उनकी हत्या की साजिश रची। 


मृत्यु

22 म ई 1975 को कारीटांड में हुई बैठक के बाद शक्ति की हत्या की कोशिश की गई। रात गांव में ही बिताने के कारण अपराधियों के कहर से वे तो बच गए, लेकिन उनके तीन साथी को मौत के घाट उतार दिया गया। 28 नवंबर 1977 का दिन कोयलांचल के लिए काला दिन साबित हुआ और सिजुआ में गोली व बम मारकर आंदोलन के प्रणेता शक्तिनाथ महतो की निर्मम हत्या कर दी गई।


""पहली पीढ़ी गोली खाएगी !

दूसरी पीढ़ी जेल जाएगी !!        

तीसरी पीढ़ी राज करेगी !!!""

 

#शहीद_शक्तिनाथ_महतो_की_जिंदादिली_अमर_रहे

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