SUCCESS STORY
Harshvardhan Jain Biography, Motivational Speaker
Harshvardhan jain
आज हम बात करने जा रहे है, एक ऐसे इंसान के बारे में जिनका जीवन बच्चपन से ही बहुुत रोमांचक रहा है। और जिनका साथ लाईफ मे हमेशा रोमांचक चीज हुई है , हम बात कर रहे है एक Great MLM Leader, Motivational Speaker एंव Youtuber , Harshvardhan Jain सर के बारे में। हर्ष जी का जन्म सन् 1980 मे जयपुर से 18 किलो मीटर दूर मे स्थित एक गांव के मिडिल क्लास फैमिली में हुआ था । हर्ष वर्धन जी के पिता जी के पिता जी जयपुर डेरी मे बिटेरी डॉक्टर का काम करते थे जो की एक गर्वरमेंट जॉब थी उनकी माता जी हाऊस वाईफ थी |
Harshvardhan Jain |
पढ़ाई
हर्ष वर्धन जी ने अपने class 7th तक की पढाई गांव के सरकारी स्कुल से की थी और 8th ,,9th की पढाई उन्होने जयपुर के टैगोर स्कुल से,10th की पढाई बिकानेर मे अपने ताऊ जी के यहा से व 11th एवं 12th की पढाई खंण्डेलवाल स्कुल से पूरी की । जब हर्ष. जी के माता पिता की शादी हुई तो ११वर्ष तक उनकी कोई संतान नही हुई और इंण्डिया मे जब तक शादी शुदा जोड़े की संतान नही होती तो लोग पण्डित जी के यहां जाते है तब पण्डित जी ने दो-तीन दीन कुण्डली का मिलाप करके हर्ष जी के पिता से कहा की धीरज रखिए क्योकि महापुरूषो को अाने मे टाइम लगता है हर्ष वर्धन जी अपने गांव के स्कुल से लेकर L.L.B तक हमेशा पढाई मे Average ही रहे है लेकिन वो बताते है कि क्योकि वो अपने स्कुल के सबसे शैतान बच्चे थे इसलिए Teacher उन्हे हमेशा क्लास कैपटन बनाते थे ताकि क्लास में शांति बनी रहे जिसकी वजह से वह क्लास १-L.L.B तक हमेशाक्लास कैपटन ही रहे। Chat With Surrender Vat's के एक एपिसोड अपने बच्चपन के बारे मे बात करते हुए हर्ष वर्धन जी बताते है कि जब ने ३-४ साल के थे कभी से वो अपने घर से १किलो मिटर की दूरी पर तालाब पर जाने लगे थे जिस से वो ५-६ साल की ऊमर तक एक अच्छे तैराग बन चुके थे तथा गांव के बडे बच्चो को देखकर 4-5 फिट ,8 फिट ,10-15फिट , फिर 40-40फिट तक कुंओ मे उतरने की आदत डाल ली ,इतनी गहरी जगह पर तैरने के वजह से कई बार उनके माता पिता मारते मारते घर लाया करते थे ,इस तरह 10-11 तक की साल मे उन्होने तैरने मे महारत हासिल कर ली थी. हर्ष जी कहते है कि अपने बच्चपन की इस उमर मे वो एक तैराग बनना चाहते थे लेकिन इस तरह Professionally आगे न बढने की वजह से वो तैराग न बन सके |
Cricket से प्रेम
हर्ष जी बताते है कि 11-12 तक की उमर मे उनके अंदर cricket खेलने का भूत सवार हो गया था वो पूरे पूरे दिन भूखे ही cricket खेलते थे या फिर उनके घर वालो को ground तक खाना पहुंचाने आना पडता था , क्योकि उनके अंदर cricket का ऐसा जुनून सवार था कि उन्हे अपने घर वालो से पिट जाना मंजुर था लेकिन cricket छोड़ना नही।अपने बच्चपन के दिनो मे हर्ष वर्धन जी अपने इलाके के सबसे धुरंदर बैट्स मैन थे।डिस्टिक लेवल के सारे trafyबनवाना उन्हे जीतना गांव मे ५-७पिच्तेस बनवाना ,टुनामेन्टस करवाना ये सारे काम हर्ष वर्धन जी ही कराया करते थे हर्ष वर्धन जी ने टुनामेन्टस मे खेलते हुए 19 सेन्चुरी मारी थी chat with surrender Val's के एपिसोड मे बात करते हुए हर्ष वर्धन जी बात करते हुए मजादक मे कहते है कि मेरे नाम दुनियां की सबसे फास्टेस29 बॉल , पे सेन्चुरी मारी मे का रिकॉड है जब surender Val's पछते है कि ये कैसे तो उन्होने कहा की 37 साल की ऊमर मे रिटायरमेंट के बाद मैने 20-22 साल के बच्चो के साथ एक टुनामेन्ट खोला जहां पर मैने 29 बॉल पे सेन्चुरी मार दी , तैराकी एंव cricket ,के अलावा हर्ष वर्धन जी को बच्चपन मे तैराकी करने के अलावा गाना गाने और एक्टिंग का भी शौक था वो बताते है कि जब ने गांव के स्कुल मे पढा करते थे तो गांव मे होने वाले सांस्कृति कार्यकृम मे उन्हे महत्वपूर्ण कलाकार का रोल दिया जाता था जब वो ९,साल के थे तब उन्होने गांव के सांस्कृति कार्यकृम मे ग्वाले का नाटक किया था जिसमे. उस जमाने मे 1989 मे उन्हे ११०० रूपए का पुरष्कार दिया गया था इस तरीके से हर्ष वर्धन जी का बच्चपन बडे़ ही हंसी खुशी व मस्ती के साथ बिता अपनी स्कुली शिछा खत्म करने के बाद हर्ष जी ने B.S.c करने के लिए कॉलेज में दाखिला लिया पर हर्ष जी का पढाई मे मन नही लगता था क्योकि उनके सिर पर cricket खेलने का भूत सवार था, इसकी नतिजा यह हुआ की वो 1st year मे फेल हो गये जिस से उनके मन को ठेस लगा उन्होने अपनी हीरो स्कुटर की चाभी जो की उनके पिता जी ने उन्हे कॉलेज जाने के लिए दिलायी थी वो वापस रख दी और बस से जाना शुरू कर दिया जहां पर उन्हे रौज ३रू किपाय के पिता जी ये मिल के थे लेकिन वो घर से मार्केटर जाने का किराया १ की पागल जा के बचा लिया करते थे तथा 3 दिनो बाद तीन की इक्टठे होते तो कॉलेज जाते वक्त जयपुर की एक जगह टांग पोल पर ३रू की बड़ी कचौडी खाया करते थे Bsc 1st year मे फेल होने के बाद उन्होने Darshan Shastra चुना और कॉलेज की आगे की पढाई Darshan Shastra से ही खत्म की Darshan Shastra में उनको काफी रूचि थी उसे बढने मे उनको बहुुत मजा आया करता था
नेटवर्क मार्केटिंग कि शुरुवात
लेकिन जब वो 2000 मे अपने कॉलेज में 2nd year मे थे तब उनके दोस्त ने उनके आकर कहा की चल अमेरिका कि एक company आई है जो जिन्दगी बदलने की बात कर रही है जब वे वहां गये तो उन्होने लोगो को नाचते गाते मस्ती करते हुए देखा जो की उनके स्वाभाव से मैच कर गया और वो भी उन्ही के साथ मस्त हो गया तो इस तरह हर्ष वर्धन जी की Network marketing में entry हुई लेकिन नेटवर्क मार्केंटिंग का सफर इतना आसान कही join होने के २ महीने तक वो अपने दोस्तो, रिस्तेदारो से कहते थे कि आओ जुड़ जीओ जिन्दगी बदल जायेगी लेकिन उनकी एक भी joining नही हुई तब उन्होने अपने अपलाईन से जाकर वो सारी treaning ली जो कि एक सफल नेटवर्क मार्केंटर मे होनी चाहिए । और फिर उन्होने नेटवर्क मार्केंटिंग मे २००१मे दिल से मेहनत की और फिर पीछे मुड़ कर नही देखा।और फिर वो MLM INDUSTRY के बन के रह गये लेकिन सन् २००६मे उनकी पहली कम्पनी बंद होने की वजह से उनका सब कुछ शून्य मे आगया लेकिन उन्होने फिर से नई MLM company की शुरुअात की और पहले की तुलना मे ज्यादा कमाई की। लेकिन सन् २०११ मे कुछ नही कलेक्शन करने वाली कम्पनी की वजह से सरकार ने सारी MLM company बंद कर दी।तब २०२१मे अपनी कम्पनी के बचाव के लिए हर्ष वर्धन जी को ३७ दिनो के लिए दिलायी जाना पड़ा।और वो बताते है कि वे ३७ दिनो मे उन्होने जेल बैठे बैठे वे सारी किताबे पढ ली थी जो वो बाहर रहते तो शायद नही पढ पाते।वो कहते है न कि खुश किस्मत है वो लोग जो खराब परि स्थिति मे भी मौकै ढुंढ लिया करते है तो हर्ष वर्धन जान जी भी उन्ही खुश किस्मत लोगो मे से एक है, हर्ष वर्धन जान जैसे और अन्य लोगो के पृयास से सन् २०१६ मे भारतीय सरकार ने MLM को इण्डिया मे एक कानूनी स्थायित्व मिली ।हर्ष वर्धन सर MLM LIFE STYLE COMPANY के टॉप EARNER एंव ACHIVER है ।
Achievement
आज उनके पास मर्सडिज , ही एम डब्लु जैसी कारे व शानदार बंगले है और आज वो अपने मोटीवेशनल सेमिनार मे लोगो को जीवन मे सही संस्कारो को अपनाकर आगे बढाने के लिए राह दिखाते है आज यू ट्यूब पर भी हर्ष वर्धन जी के बहुुत अच्छे फॉलोविंग है और यू ट्यूब चैनल पर लगभग 1 million से ज्यादा subscriber है।
Post a Comment
1 Comments
sir aap ka blog mujhe bahut achha laga, aap bahut achha likhte ho, mai chahta hu ki aap ayese hi likhte rahe or hume achhi achhi jankari milti rahe
ReplyDeleteIf You Have Any Question Then Ask Me Frequently .