Direct Selling Guidelines Clause 3 & Clause 4

धारा 3 : डायरेक्ट सेल्लिंग बिज़नेस चलाने के लिए शर्ते :

 




1.     1.  कंपनी द्वारा उपलब्ध कराये जाने वाले प्रोडक्ट्स और सर्विस के पहचान की जिमेदारी मालिक , ट्रेडमार्क , सेवा चिन्ह और अन्य पहचान चिन्ह के लाइसेंस धारक को होगा |

2.    2. कंपनी को अपने डायरेक्ट सेलर के लिए पहचान पत्र जरी करना होगा |

3.    3.  कंपनी को स्वय या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अपने बिज़नेस के प्रोडक्ट्स और सर्विस, संपर्क सूत्र , कीमत , इनकम प्लान , डायरेक्ट सेलर की पूरी जानकारी रखनी होगी |

a)      कंपनी को समय समय पर अपने डायरेक्ट सेलर की जानकारी अपडेट करनी होगी और संभालनी होगी |

b)      डायरेक्ट सेलर की जानकारी में सत्यापित पता ,  पहचान पत्र और पेन की जानकारी सामिल करनी चाहिए  |

4.    4.  कंपनी की खुद की वेबसाइट होना चाहिए | जिसमे कंपनी के संपर्क सूत्र , प्रबंधक, प्रोडक्ट्स / सर्विस किन जानकारी , प्रोडक्ट्स की क्वालिटी सर्टिफिकेट , कीमत , इनकम प्लान ,कोम्पक्न्य की निति होनी चाहिए | इस वेबसाइट के सहारे ही 45 दिन में डायरेक्ट सेलर और उपभोक्ताकी समस्या का समाधान होआ चाहिए |

5.      5. कंपनी को अपने डायरेक्ट सेलर को कमीशन , बिक्री , बोनस , खरीदी समेत व्यापार की जानकारी समय समय पर देनी होगी |

6.    6.  कंपनी को डायरेक्ट सेलर पे मासिक निगरानी रखनी होगी | जिसमे कितनी खरीदारी हुवे इसपर नजर राखी जनि चाहिए | अगर खरीदारी की राशी वैट सीमा से ज्यदा होगी , तो डायरेक्ट सेलर को वैट भुगतान करना के लिए सूचित किया जायेगा |

7.   7डायरेक्ट सेलर कंपनी

a)      गलत , अधूरी जानकारी और लालच देकर कंपनी में डायरेक्ट सेलर नही ला सकते है |

b)      कंपनी डायरेक्ट सेलर से ऐसे वादे नही कर सकती , जिनके पुरे होने की सत प्रसितउम्मीद नाहो | यानि की कंपनी झूठे सपने दिखाकर लोगो को आकर्षित नही कर सकती है |

c)       कंपनी डायरेक्ट सेलर की अच्छाईको गलत तरीके से और बड़ा चढ़ा कर नही कर सकती है |

d)      कंपनी इनकम प्लान और प्रोडक्ट्स / सर्विस का भ्रिमित बखान नही कर सकती है |

e)      कंपनी अपने डायरेक्ट सेलर को भी गलत तरीके से और भ्रिमित कर के कंपनी को दरसाने की अधिकार नही दे सकती है |

f)       धोखाधडी, जबरजस्ती और गैर क़ानूनी तरीके से कंपनी और डायरेक्ट सेलर प्रोडक्ट्स/सर्विस की बिक्री और नए डायरेक्ट सेलर नही ला सकता है |

g)       डायरेक्ट सेलर से कोई लाभ उपलब्ध करवाने , एंट्री फी , नाविकरन फी या फिर डायरेक्ट सेल के लिए उपकरण लेन के नाम पर कंपनी पैसा नही ले सकता है | कंपनी सिर्फ प्रोडक्ट्स/सर्विस की खरीद पर ही अपने डायरेक्ट सेलर से पैसे ले सकता है |

h)      डायरेक्ट सेलर को कंपनी , कंपनी में किसी को जोड़ने पर पैसा नही दे सकता है | कंपनी पैसा सिर्फ नए डायरेक्ट सेलर द्वारा की गए प्रोडक्ट्स / सर्विस की बिक्री पर ही कुछ पर्तिशत दे सकती है |

i)        कंपनी मासिक से अंशदान या नवीकरण फी नही ले सकता है |

 

8.  8.    कंपनी अपने डायरेक्ट सेलर और डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा बिक्री के लिए इस्तिमाल किये जाने वाली प्रणाली की जिम्मेदारी होगी | चाहे उस व्यक्तिका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में जोड़ा गया हो |  

 

 

   धारा 4 : डायरेक्ट सेलर और कंपनी के बिच डायरेक्ट        सेल्लिंग पर समझोता 





1. 1. हर कंपनी को अपने डायरेक्ट सेलर के साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप में एक समझोता करना है |

a) a). इस समझोते को Indian Contract Act, 1872 के Section 10 के तहत परुस्तुत कीया जायेगा |

b) b). डायरेक्ट सेलर और कंपनी के अधिकार और दायित्यइन दिशानिर्देशके अलावा Indian Contract Act 1872  के भी अधिकार पर दायित्यभी शामिल होंगे |

2. 2. यह समझोता लिखित होगा , जिसमे भागीदारी की मुख्या परिभाषा को बताया हो | 

a) a). कंपनी डायरेक्ट सेलर को निश्चित इकाई में प्रोडक्ट्स / सर्विस को निश्चित समय सीमा में खरीदने के लिए    मजबूर नही कर सकता है |

b) b). कंपनी डायरेक्ट सेलर को समय सीमा देगी , जिसमे वह ख़रीदा हुआ प्रोडक्ट्स / सर्विसेज को व्वाप्स देकर  अपना पैसा रिफंड ले सकता है |

c) c). कंपनी अपने डायरेक्ट सेलर को नोटिस के साथ समझोता समाप्त कर सकता , जब डायरेक्ट सेलर जुड़ने के  बाद २ साल तक कोई भी प्रोडक्ट और सर्विस की बिक्री नही करता है |

d) d). कंपनी के पास पूरी निति होनी चाहिए , जिसमे डायरेक्ट सेलर द्वारा खरीदी प्रोडक्ट्स की बिक्री न होने पर    डायरेक्ट सेलर उस प्रोडक्ट्स को कंपनी को वापस दे सकता है | अगर प्रोडक्ट्स बेचने योग्य रहता है हो | 

 

   


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